Shri Krishna shlokas | श्री कृष्ण श्लोक

Shri Krishna

प्रस्तुत लेख में आप भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित श्लोक अर्थ सहित पढ़ेंगे।

You will find verses related to Lord Shri Krishna in this blog.

Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane | कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।

प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः॥

हे कृष्ण, वासुदेव, हरि, परमात्मा, शरण में आये हुए के कष्ट दूर करने वाले, गोविन्द, आपको मेरा बारम्बार नमन है।

O Krishna, Vaasudeva, Hari, Supreme Being, the remover of refugees’ troubles, Govinda, my salutations to you. 

Vande Krishnam Gunaateetam | वन्दे कृष्णं गुणातीतं

वन्दे कृष्णं गुणातीतं परं ब्रह्माच्युतं यतः।
आविर्बभूवुः प्रकृतिब्रह्मविष्णुशिवादयः॥

जिनसे प्रकृति, ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव आदि का आविर्भाव हुआ है, उन त्रिगुणातीत परब्रह्म परमात्मा अच्युत श्रीकृष्ण की मैं वंदना करता/करती हूँ।

I worship the Supreme Brahman, Supreme Soul, Achyut Shri Krishna who is beyond the three gunas and from whom the Nature, Brahma, Vishnu and Shiva etc. have emerged.

Mookam Karoti Vachalam | मूकं करोति वाचालम्

मूकं करोति वाचालं पङ्गुं लङ्घयते गिरिम् ।

यत् कृपा तमहं वन्दे परमानन्दं माधवम्

मैं उन परमानन्द माधव (श्रीकृष्ण) की वंदना करता/करती हूँ, जिनकी कृपा से गूंगे धाराप्रवाह बोलने लगते हैं और लंगड़े पहाड़ लाँघ जाते हैं।

I salute that Supreme Bliss, Madhava (Krishna), whose grace makes the dumb speak eloquently and the lame cross mountains. 

Kasturi Tilakam Lalat patale | कस्तूरि तिलकं ललाटपटले

कस्तूरि तिलकं ललाटपटले वक्षःस्थले कौस्तुभम्

नासाग्रे नवमौक्तिकं करतले वेणुं करे कङ्कणम् ।

सर्वाङ्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलिम्

गोपस्त्री परिवेष्ठितो विजयते गोपाल चूडामणिम् ॥

हे गोपाल! आपके मस्तक पर कस्तूरी तिलक सुशोभित है। आपके वक्ष (ह्रदय) पर देदीप्यमान कौस्तुभ मणि विराजित है, आपने नाक में सुंदर मोती पहना हुआ है, आपके हाथ में बांसुरी है और कलाई में आपने कंगन धारण किया हुआ है। हे हरि! आपकी सम्पूर्ण देह पर सुगन्धित चंदन लगा हुआ है और सुंदर कंठ मोतियों के हार से विभूषित है। आप गोपियों के बीच मस्तकमणि के समान चमक रहे हैं। आपकी जय हो!

Adorned with the fragrant Kasturi (musk) mark on your forehead, Kaustubha gem on your chest, the lovely pearl jewel at the nose tip, the flute in your palm, the Kankan (bangle) on your wrist, the sandalwood paste all over your body, the pearl-necklace around your beautiful neck, and surrounded by milk-maids, may victory be yours, O crown-jewel of Gopalas (cow-herds)!  

One-verse Bhagavat - Aadau Devaki | एक श्लोकी भागवत - आदौ देवकी देवगर्भ जननं

आदौ देवकी देवगर्भ जननं गोपीगृहे वर्धनम्

मायापूतन जीवितापहरणं गोवधर्नोद्धारणम् ।

कंसच्छेदन कौरवादि हननं कुन्तीतनूजावनम्

एतद्भागवतं पुराणकथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम् ॥

आरम्भ में, देवकी से जन्म लेना, गोपियों के घर में पलना, पूतना के प्राण हरना, गोवर्धन पर्वत उठाना, कंस का वध करना, कौरवों का विनाश करना, कुंती के पुत्रों की रक्षा करना – यह श्रीकृष्ण के मनोहर लीलाओं का अमृत है जो भागवत पुराण में वर्णित है।

Commencing with birth from Devaki, growing up in the Gopis’ houses, taking away Pootana’s life, lifting the Govardhana mountain, killing Kansa, annihilating the Kauravas, and protecting Kunti’s sons. This is the nectar of Sri Krishna’s divine acts as mentioned in the Bhagavata Purana.

Hare Murare Madhukaitabhaare | हरे मुरारे मधुकैटभारे

हरे मुरारे मधुकैटभारे गोपाल गोविन्द मुकुन्द शौरे ।

यज्ञेश नारायण कृष्ण विष्णु निराश्रयं मां जगदीश रक्ष ॥

हे हरि, मुरारी, गोपाल, गोविंद, मुकुंद, शौरि, यज्ञों के भगवान, नारायण, कृष्ण, विष्णु, जगदीश एवं मधु और कैटभ के शत्रु, मुझ निराश्रय (बेसहारे) की रक्षा करें।

O Hari, Murari, Gopala, Govinda, Mukunda, Shauri, the Lord of sacrifices, Narayana, Krishna, Vishnu, Lord of the universe, and the enemy of Madhu and Kaitabha, please protect me; I have no other resort.

Namo Brahmanya Devaya | नमो ब्रह्मण्य देवाय

नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च ।

जगत् हिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः ॥

गायों, ब्राह्मणों एवं सभी प्राणियों के हितैषी भगवान को प्रणाम करता/करती हूँ। जगत् का हित करने वाले, गोविंद के नाम से जाने जाने वाले भगवान कृष्ण को मेरा बारम्बार प्रणाम है।

I bow down to the benevolent protector of cows, Brahmins, and all beings. I offer my salutations to the Lord Krishna, also known as Govinda, who is concerned about the welfare of the world.

Krishnaya Vasudevaya Devakinandanaya cha | कृष्णाय वासुदेवाय देवकीनन्दनाय च

कृष्णाय वासुदेवाय देवकीनन्दनाय च ।

नन्दगोपकुमाराय गोविन्दाय नमो नमः ॥

हे कृष्ण, गोविंद, वासुदेव, देवकीनंदन और गोप नंदजी के लाल, आपको मेरा बारम्बार नमन है।

O Krishna, Govinda, Vaasudeva, Devaki’s son, and cowherd Nandaji’s beloved boy, my salutations to you.

Krishno rakshatu maam | कृष्णो रक्षतु मां चराचरगुरुः

कृष्णो रक्षतु मां चराचरगुरुः, कृष्णं नमस्याम्यहं, कृष्णेनामरशत्रवो विनिहताः, कृष्णाय तस्मै नमः।

कृष्णादेव समुत्थितं जगदिदं, कृष्णस्य दासोऽस्म्यहं, कृष्णे भक्तिरचञ्चलाऽस्तु, भगवन् हे कृष्ण तुभ्यं नमः॥

सम्पूर्ण चराचर जगत के गुरु श्रीकृष्ण मेरी रक्षा करें। मैं कृष्ण को नमन करता/करती हूँ। कृष्ण द्वारा देवों के शत्रु असुर मारे गए। उन कृष्ण को नमस्कार। यह संसार कृष्ण से ही उद्भूत (पैदा हुआ) है। मैं कृष्ण का दास (की दासी) हूँ। कृष्ण में अटल भक्ति हो। हे भगवान कृष्ण, आपको प्रणाम।

[नोट: इस श्लोक की एक अनोखी विशेषता यह है कि इसमें संस्कृत व्याकरण की सातों विभक्तियों और सम्बोधन का अति सुंदरता से प्रयोग हुआ है। (कृष्णो – प्रथमा, कृष्णं – द्वितीया, कृष्णेन – तृतीया, कृष्णाय – चतुर्थी, कृष्णात् – पञ्चमी, कृष्णस्य – षष्ठी, कृष्णे – सप्तमी, हे कृष्ण – सम्बोधन)]

Let the universal lord Krishna save me. I’m bowing down to Krishna. The enemy of gods (demons) were killed by Krishna. Salutations to that Krishna. This universe is created from Krishna. I am Krishna’s servant. Let me have unwavering devotion in Krishna. O Lord Krishna, my humble salutations for you.

Note: A unique feature of this verse is that all the parts of the speech of Sanskrit grammar are used beautifully.

Shri Krishnashtakam | श्री कृष्णाष्टकम्

Vasudeva sutam devam …  वसुदेव सुतं देवं कंसचाणूर मर्दनम् …

भजे व्रजैकमण्डनं समस्तपापखण्डनं, स्वभक्तचित्तरंजनं सदैव नन्दनन्दनम् …शेष पढ़ें … Read more …

Madhurashtakam | मधुराष्टकम्

Adharam madhuram vadanam madhuram … अधरं मधुरं वदनं मधुरं … शेष पढ़ें … Read more   

Achyutashtakam | अच्युताष्टकम्

Achyutam Keshavam Ramnarayanam …अच्युतं केशवं रामनारायणं..शेष पढ़ें … Read more 

Balmukundashtakam | बालमुकुन्दाष्टकम्

Kararavindena padarvindam … करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे … बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि … शेष पढ़ें … Read more …

Nandkumarashtakam | नन्दकुमाराष्टकम्

Sundar Gopalam urvanamalam … सुन्दरगोपलम् उरवनमालं …भज नन्दकुमारं सर्वसुखसारं तत्त्वविचारं ब्रह्मपरम् … शेष पढ़ें … Read more …

Shri Govinda Damodara Stotram | श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम्

Shri Krishna Govinda … श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण …गोविन्द दामोदर माधवेति … शेष पढ़ें … Read more …

Poorna Brahma Stotram | पूर्णब्रह्म स्तोत्रम्

पूर्णचन्द्रमुखं निलेन्दु रूपम्, उद्भाषितं देवं दिव्यं स्वरूपम्, पूर्णं त्वं स्वर्णं त्वं वर्णं त्वं देवम्, पिता माता बंधु त्वमेव सर्वम्

जगन्नाथ स्वामी भक्तभावप्रेमी नमाम्यहम्, जगन्नाथ स्वामी भक्तभावप्रेमी नमाम्यहम् ॥1॥ 

हे पूर्णिमा के चंद्रमा के समान मुखमंडल वाले, नीले रत्न के समान दिव्य वर्ण वाले एवं प्रकाशमान दिव्य स्वरूप वाले देव ! आप पूर्ण हैं और स्वर्ण की आभा वाले हैं, आप सभी रंगों का स्रोत हैं, आप मेरे पिता, माता, मित्र और संपूर्ण जीवन हैं। हे जगत के स्वामी, भक्तों के भाव के प्रेमी, मैं आपको प्रणाम करता/करती हूँ।  शेष पढ़ें … Read more …

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